"बड़े आ जाते हैं सुबह सुबह मुंह लटका के पता ढूंढने"
नियत खराब कर चुके हो तो खराब ही रहने दो तुम्हारे चालबाजी कहीं और चलाना हमने शायद कोई गलती नहीं की अगर गलती की होती तो अबतक जेल में पड़े होते। जहां तक हो सके हमने लोगों को अंधकार से दूर करने के लिए काम किया है, जो हमारे साथ गलत करने की कोशिश की हमने उनके साथ गलत कर दिया। लोगों को जागरूक रखने के लिए काम किया है। जगाने का काम किया है हमने किसी को कोई तकलीफ हो तो सामने आके बात करें। कोर्ट के फैसले अगर मान्य नहीं तो कोर्ट को तत्काल बंद कर दिया जाए ना साहिब बेवजह क्यों खर्चे बढ़ाने के लिए कोर्ट को खोलके बैठ जाते हो यूं औरतों के सहारे जहर न घोलो बाकी हमारे परिवार में सब लोग खुश रहते हैं। जिनको तकलीफ है वो खुद परिवार और समाज को तोड़ते रहे। उनके कालाबाजारी एवम चाणक्य नीति हमारे परिवार में कोई विक्षेद नहीं कर सकती। जिनको तकलीफ हो हमारे नाम से वो अपनी ड्यूटी भूल जाए और दूसरों का घर तोड़ते रहे ताकि उनकी राजनीति हम तक होने से पहले अपनी खुद की घर परिवार के बारे में एक बार सोच ले! हमारे घर के सभी लोग मस्त ठसन से रहते हैं, ये जो आग लगाने वाले लोग हैं इनकी तपिश हम तक नहीं आ सकती बड़े आए थे, सबूत जुटाने जुटा लिए हों तो अब अपने परिवार के तरफ आंख उठाके देख ले। याद रखना साहिब तुम जो भी रहो हमारे परिवार में जो विक्षेद किए हो इसका तुम्हे भुगतान चुकाना पड़ेगा भले ही समय मेरा समय वेस्ट हो रहा हो लेकिन मेरे अंदर थोड़ा सा भी सांस बच जाए ना तो समझ लेना की तुम्हारी विनाश तय है जो भी हो इस साजिश में हमारे खिलाफ उंगली किए तो समझ लो आप अपने ही पैर में कुल्हाड़ी चला लिए।
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