बिना थाना प्रभारी संचालित हो रहा, देवरी थाना,
जवाबदेही से मिल रहा केवल तसल्ली...
बता दे की दो चार दिन पूर्व ही चोरी का मामला सामने आया था, इस पर जानकारी लेना चाहा तो,ज वाबदही कोई कर्मचारी नही मिल पाया, वैसे दो दिन पूर्व ही राजनांदगांव से पहुंचे पल्सर बाइक चोर को देवरी निवासियों के द्वारा पुलिस थाना ले गया था, लेकिन उपरोक्त मामले में कोई f.i.r. नहीं हो पाया है।
जानकारी मांगने पर टाल मटोल कर मामले को निपटा दिया गया, ऐसे में बड़ा सवाल सामने खड़ा होता है की इस हालत में बिना प्रभारी के थाना संचालन सही है या जनता के साथ छलावा होना कहा जाए।
किसी प्रकार की जानकारी मांगने पर जिम्मेदार सामने रहने को तैयार नहीं, कही अगर बड़ी घटना हो जाता है तो फिर प्रार्थी को ही नुकसान झेलना पड़ रहा है, ऐसे ही मामला खैरा निवासी कामेंद्र सिन्हा वाले मामले में सामने आया था, जिसमें प्रार्थी का ही बाइक थाने में जमा कर दिया गया था। कामेंद्र सिन्हा को अपनी बाइक जमानत पर कोर्ट से जमानत करवाना पड़ा था।अगर ऐसे ही चलता रहा तो क्षेत्रीय जनता के साथ भविष्य में बड़ा अन्याय होता रहेगा। माध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के साथ छलावा होता रहेगा।
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