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मंगलवार, मई 10, 2022

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी में अनुकरणीय सेवाओं के लिए असम पुलिस को प्रेसिडेंट कलर प्रदान किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी में अनुकरणीय सेवाओं के लिए असम पुलिस को प्रेसिडेंट कलर प्रदान किया


*स्वतंत्र समाचार स्वतंत्र विचार* 
दैनिक हिंदी वेब मीडिया (छ.ग.)
10/05/2022






इस ऐतिहासिक अवसर पर असम पुलिस के साथ साथ गृह मंत्री होने के नाते मुझे इस बात का गर्व हो रहा है कि आज से असम इस सम्मान को हासिल करने वाला देश का दसवाँ पुलिस बल बन गई है राष्ट्रपति का निशान प्राप्त करना किसी भी पुलिस संगठन के लिए असाधारण उपलब्धि है और आज से असम पुलिस ने भी ई गौरवपूर्ण क्लब में अपना नाम दर्ज करा लिया है और यह समग्र असम के लिए बहुत गर्व का विषय है दे में शायद ही कोई ऐसा बल होगा जिसने इतनी कठिन परिस्थितियों का सामना किया होदेश के सबसे पुराने उग्रवादी विरोधी बल असम रायफ़ल्स को जन्म देने का गौरव भी असम पुलिस को प्राप्त है असम की महान भूमि से उग्रवाद के बुरे दिन अब समाप्त होने को आए हैं,  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम उग्रवादी संगठनों के साथ एक के बाद एक शांति समझौते कर रहे हैं और वह दिन दूर नहीं जब असम में एक भी उग्रवादी संगठन नहीं होगा भटके हुए युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं और पड़ोसी राज्य के साथ सीमा विवाद पर वार्ता कर 7 दशक पुरानसमस्या को सुलझाने का प्रयास हो रहा है अब अफस्पा (AFSPA) को भी हटाया जा रहा हैपहले यहां आर्म्ड फोर्सेज को स्पेशल पावर्स दी जाती थी,  आज असम के युवा को विकास और उज्जवल भविष्य की स्पेशल पावर देने का काम असम सरकार कर रही है सितंबर 2021 को मेरी उपस्थिति में कार्बी समूह के साथ समझौता हुआ, हाल ही में प्रधानमंत्री जी वहां गए थे और उस समय समझौते की बहुत सारी शर्तों का पालन भी हो गया अफस्पा हमेशा आम जनता के विरोध का कारण रहता था, हाल में नगालैंडअसम और मणिपुर में अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र कम करने का काम किया गया हैअसम में 1990 से अफस्पा लागू था और लगातार 60 बार इसको बढ़ाया गया, आज मुझे यहकहने में गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 8 साल के शासन के बाद असम के 23 जिलों में से अफस्पा पूर्ण रूप से और एक ज़िले  आंशिक रूप से हटा दिया गया है आज हम असम के 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से से अफस्पा हटा पाए हैंआशा करता हूँ कि वह दिन दूर नहीं जब पूरे असम से अफस्पा हटा दिया जाए असम पुलिस को विभाजन के समय की विभीषिकासांप्रदायिक दंगेशरणार्थियों की समस्यासात दशक से चल रही घुसपैठ की समस्या1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में गौरवपूर्णयात्रा और 1980–90 तक उग्रवाद की चुनौती से निपटे हुए विदेशी  शक्तियों को परास्त करने के लिए लंबा संघर्ष विजय के साथ समाप्त करने का गौरव हासिल है असम पुलिस ने कई प्रतिबंधित संगठनों के साथ डटकर लोहा लिया है और देश की सीमाओं तथा आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने का काम किया है असम पुलिस ने हथियारगौड्रग्स और मानव तस्करी के खिलाफ सात दशक तक निरंतर  थकने वाली और विजयी लड़ाई लड़ी हैइसके लिए असम पुलिस के महानिदेशक से लेकर सबसे युवा कांस्टेबल तक को मैं पूरे देश की ओर से बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ।


अपने कर्तव्य का पालन करते हुए असम पुलिस के लगभग 886 कर्मी शहीद हो गए, इस लड़ाई में असम पुलिस कर्मियों को 2 कीर्ति चक्र, 4 प्रेसिडेंट पुलिस मेडल और 19 पुलिस मेडल प्राप्त हुए हैं जो असम पुलिस की वीरता का एक्नॉलेजमेंट है

आंतरिक सुरक्षा के लिए जब उग्रवाद का संकट आया तब असम पुलिस ने संवैधानिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंदूक का सामना बंदूक से किया, साथ ही भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में समाहित करने का भी काम किया

असम पुलिस ने कई सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी है और विभिन्न कुप्रथाओं से समाज को मुक्त करने का भी काम किया है

असम पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी और गैंड़ों के अवैध शिकार रोकने के लिए में भी महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, हिमंत जी के नेतृत्व में असम पुलिस गैंडे के शिकार के खिलाफ और कड़ाई के साथ आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध है

 असम ने दशकों तक जो रक्त पात, उग्रवाद और अशांति झेली है, अब इसका युग समाप्त हो गया है, अब शांति, भाईचारे और सांस्कृतिक संरक्षण और विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई है

 असम पुलिस को राष्ट्रपति का पुलिस निशान मिलने की यह घटना स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी, मुझे पूरा भरोसा है कि इससे असम पुलिस बल का हौसला ओर बढ़ेगा और वह त्याग, बलिदान व परिश्रम के साथ देश की सीमाओं और असम की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चितता करेगी।









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