कौन लोग है इसके पीछे ये हैं बड़ी मुद्दा..?
क्या सरकार अवैध कारोबारियों के सामने नतमस्तक हो गए हैं...?
या फिर
प्रशासनिक अधिकारी ही शामिल हैं जो इस कारोबारियो के बचाव में एवम छत्तीसगढ़ के लोगों को नशेडी बनाने में लगे हुए हैं...!!!
भरनाभाठ से लेकर देवरी बंगला, खेरथा, से लेकर संबलपुर तक अवैध धंधों को उजागर न करने के लिए,
प्रेस से लेकर पुलिस भी इन कारोबारियों से कमीशन लेने में मस्त हैं सबका जेब इसी में गरम है।
ये बड़ा विचारणीय पल था, की एकाएक कलाबाजारियों का झुंड पत्रकार पर ही क्यों टूट पड़े थे..?
क्योंकि इनके कमीशन बंद हो गए थे साहिब...!
कमिशन बंद हो चुके थे इसलिए पत्रकारों पर हमले शुरू कर दिए...
और यही कारण है की जो ईमानदार पत्रकार हैं उन्हें थाने में अंडरवियर उतार कर बेइज्जत किए जाते हैं...
सब के सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे जो ठहरे थे..?
कमिशन खोरी ही इनका रिवाज बन चुका है।
CG का नाम एक जरिया है संगठन बनाने का कमीशन खोरी का...मूल तो इसी नाम में छिपा हुआ है।
बता दूं ठहरने से एक बात तो समझ आ ही गया की सारी बुराई अपनों के अंदर थी,
परदेशी पंछी तो यूं ही घबराहट से पर पसारे बैठे हुए हैं।
वे पत्रकार जिन्हे मार्केट में रहकर बेखौफ ईमानदार पत्रकारिता करने को अपना मूल कर्तव्य समझते हैं,
उनको किसी तरह दबा दिया जाता है। डराया धमकाया जाता है।
और इसमें मुख्य समय में संगठन या संस्था भी सपोर्ट नहीं करते ऐसा क्यों...?
डूब मरना बेहतर समझता हूं चुल्लू भर पानी में।
जो मीडिया की आड़ में भ्रष्ट संस्था का संचालन करे...
पैसे के लिए लोग कुछ भी कर देते हैं।
लेकिन राजनीति की गद्दी पाने के लिए उससे भी शर्मनाक कृत्य करते हैं...
गलत चाहे जो भी करे अपने हो या पराए माफी नहीं नर्क मिलनी चाहिए।
आइए 4 तारीख को मिल जुलकर पत्रकारों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ मिल जुलकर आवाज उठाएं..
और पत्रकारिता कानून लागू करने की मांग को बुलंद करें सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं...
सच्चे मेहनतकश ईमानदार पत्रकारों को हिम्मत दे।
धन्यवाद
04 मई 2022
अंबिकापुर चलो...!
अंबिकापुर चलो...!
अंबिकापुर चलो...!
भ्रष्टाचार का उजागर और समाज हित के लिए काम करें...अंबिकापुर चलें और पत्रकारिता कानून लागू करने की घोषणा पूरा न करने की घोषणा के खिलाफ आवाज उठाये...
पत्रकार के उपर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं...
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