स्वतंत्र समाचार स्वतंत्र विचार बालोद
ये छत्तीसगढ़ के लोग कब होंगे स्वतंत्र, आज भी कठपुतली की तरह नाचना पढ रहा है। जब मर्जी आए दोस्त को दुश्मन और लोगों को एक दूसरे के परिवारों से लड़ाया जाता है। ठीक ऐसे ही षड्यंरा का शिकार करते हुए आज यहां परदेशी जो हैं तो हिंदुस्तानी लेकिन अपने ही देश के लोगों के शिकार हो चुके इस छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में अपना आतंक फैला रहे परदेशीयों के कारण देश और हमारे राज्य छत्तीसगढ़ के लोगों का जीवन नर्क बन चुके इन दंगाइयों के चाणक्य नीति को समझना छोटे मोटे लोगों के बस की बात नही। है इसके लिए या तो लोगों के बीच चल रहे हलचल को समझना जरूरी है या फिर लोगों के बीच रहकर अपने उपर शोषण करवाना जरूरी है।ताकि परदेशियो के तानाशाही रवैया भली भांति समझ आ जाए या फिर उनके कठपुतली बनकर तलवे चांटते हुए जिंदगी के गुजर बसर कर सके।छत्तीसगढ़ को जितना खतरा भ्रष्ट नेताओ से है। उससे ज्यादा खतरा तो छत्तीसगढ़ के, न्यायपालिका के सदस्यों से है। सारे चोर उचक्कों और लूटेरों का गढ़ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।😒मुझे यकीन हैं इनकी पैदावारी भी कमीशनखोरी में ही हुई होगी। ,उच्च न्यायालय के वकील का दर्जा कैसे मिल जाता हैं इन लूटेरों को भगाओ इन लूटेरों को C.G. से...अपनी जेबें भरने के लिए ये किसी का भी गर्दन लटका देंगे। और उनके चंगुल में हमारे भोले भाले लोग फंस कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे ही मेरे एक साथी के साथ छलावा किया जा रहा है। उनको बार बार उकसाया जा रहा है। की कहीं से भी केस लाओ और कमीशन खाओ नहीं लाने पर नौकरी से निकालने की धमकी देकर उसे छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट से बर्खास्त कर देने के लिए डर दिखाया जा रहा है।
कितने खुश होते उन पुलिस विभाग के सारे ईमानदार अफसर यह देखकर की जब एकात दोगले वकीलों की सरेआम पिटाई का वीडियो सामने आता।
उन सभी वकीलों को अपने पोस्ट का गलत फायदा उठाने वाले उन सारे वकीलों का नाम और पोस्ट को तुरंत बार काउंसिल से हटा दिया जाना चाहिए।
और कुत्ते की जिंदगी दे देनी चाहिए।
ऐसे वकील जो उच्च न्यायालय में रहकर भी अपनी पीठ पीछे वार करने वाले तथा दूसरों के कंधे पे बैठकर शिकार करने वाले एडवोकेट हैं यह जानकर मुझे बड़ा अफसोस हुआ। और थोड़ा दिल थाम सा गया। की हमारे छत्तीसगढ़ ऐसे लोग अबतक सांस कैसे ले रहे हैं।
अब तैयार रहिए की अगली बार जब भी मुलाकात होगी तो स्मृति ही बन जाओगे।
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