एनकाउंटर की धमकी के बाद अब केस वापस लेने के लिए बना रहा दबाओ
लो साहब प्रशासन सही करे या गलत करे। इसमें आम इंसान को कुछ नहीं बोलना है। अगर गलत करते दिख जाए तो भी मुंह बंद कर लो।
https://designerdeekeshsahu.blogspot.com/2021/09/blog-post_19.html
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बताइए खुलेआम सोशल मीडिया व्हाट्सएप पे एनकाउंटर की धमकी आती है। 50000 की मांग करते हुए, स्वयं को मंत्री का आदमी बताकर क्राइम ब्रांच में पदस्थ हूं ऐसा बोलकर एनकाउंटर की धमकी मिलता है। तो क्या कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराए......? भाई साहब 16/08/2021 एवम 19/09/2021 तारिक को धमकी मिला था। की तुम्हारे खिलाफ थाने में वारंट है करके, और आज दिनांक 15/12/2021 को केस वापस लेने के लिए बलपूर्वक बार बार दबाओ बनाया जा रहा है। तो क्या आम इंसान के लिए कोई कानून नहीं है या कोई अपने हक के लिए, बोल भी नहीं सकेगा। यह धमकी बार बार आ रहा है की केस वापस लो नहीं तो दंगे करवाएंगे। सारे सोशल मीडिया के यूजर से यह पूछना चाहता हूं की क्या कोई भारत का आम नागरिक अपने हक के लिए या अपनी सुरक्षा के लिए, प्रशासन की मदद नहीं ले सकता...? या सोशल मीडिया में सच बोलने से मोबाइल को जब्ती करवा लिया जाएगा। और ऐसी धमकी जब भी कोई अवैध शराब बिक्री, अवैध गांजा तस्करी, या फिर किसी प्रकार की सरकारी घोटाले या किसी के कालाबाजारी के खुलासे के बारे में पोस्ट लिखता हूं। जो सच है तभी इस प्रकार की प्रशानिक दबाओ के साथ किसी अज्ञात नंबर से धमकी मिलती है सच बोलना गुनाह है या फिर निकम्मी हो चुकी है प्रशासन...या फिर सबूत मिटाने की सोची समझी साजिश...? पुनः उसी केस की स्क्रीन शॉट अटैच कर रहा हूं की कैसे धमकी दिया गया था, व्हाट्सएप के माध्यम से, जिसका लिंक मैं नीचे अटैच कर रहा हूं।
👉 https://designerdeekeshsahu.blogspot.com/2021/09/blog-post_19.html
1) https://designerdeekeshsahu.blogspot.com/2021/11/42.html
2) https://designerdeekeshsahu.blogspot.com/2021/10/blog-post_9.html
3)
https://designerdeekeshsahu.blogspot.com/2021/11/blog-post_18.html
तो यह थे जनाब की एक सच्चाई घोटाले के खुलासे करने पर कितना टॉर्चर किया जाता है। और ये सब सबूत मिटाने के लिए हैं। धार्मिक दंगे और प्रशानिक सपोर्ट के कारण ऐसी धमकियां मिलती है। और अबतक कारवाई नहीं हो पाती। इसलिए पत्रकारों के उपर लगातार धमकी और कहीं कहीं पर तो हमले भी हो चुके है। अब जरूरी है की छत्तीसगढ़ एवम प्रोटेक्शन में पत्रकारिता से संबंधित सभी कर्मचारियों के हित के लिए एवम सपोर्ट के लिए शीघ्र ही कानून बनाया जाए।
नहीं तो ऐसे ही मैटेरियल चोरी होता रहेगा,और कारवाई के नाम पे दंगे होते रहेंगे।
देखिए लिंक यू ट्यूब से
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https://youtu.be/MVW4Zx8MZOU
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