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बुधवार, मार्च 23, 2022

मुढ़िया–सुरेगांव बालोद (छ.ग.)


मुढ़िया–सुरेगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत मजदूरी में हुई गड़बड़ी जनपद पंचायत डौंडीलोहारा का मामला

जनपद पंचायत डौंडीलोहारा का मामला

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पीएम आवास योजना में हुए गड़बड़ी के खुलासे को मुस्कील से एक वर्ष ही हुए होंगे, उस पर निराकरण करने के बजाए जांच टीम गठित किया था, अब जांच पूरा भी हो गया अपराधी का पता भी चल गया तो कानूनी कारवाई करने के बजाए, भ्रष्टाचारों का और जेब भरने में लगें हैं। जनपद पंचायत डोंडीलोहारा अंतर्गत हुए घोटालों में जो लोग शामिल हैं उन पर कारवाई करने के बजाए उस पर सहानुभूति दिखा रही सरकार। भ्रष्टाचारों को खुली छूट दे रखी है सरकार।
         जिन पंचायतों में आवास योजना के घोटाले में जो लोग शामिल थे। उनका पदोन्नति या फिर तबादला हो जाता है, "कैसे रुकेगा भ्रष्टाचार" जब सरकार के चमचे शामिल हैं काला बाजारी को बढ़ावा देने में। लत लग चुकी है हराम के खाने की कहा से पेट भरेगा ईमानदारी की रोटी चबाने में।
रोजगार सहायक पंचायत सचिव से लेकर सीईओ भी ऐसे कृत्य करने से बाज नहीं आ रहे। इसके आलावा पत्रकारिता से भी इनको तकलीफ हो जाती है।भ्रष्टों में जो ऊंचे पद में पदस्थ हैं वही लोग शामिल हैं। जो मजदूर के हाजिरी काटने में लगे हुए हैं। सुरेगांव का प्रत्यक्ष मामला देखने से समझ आ रहा है की ये काले कमाई करने वाले में किसी एक का हाथ नहीं बल्कि इनका आंतरिक आर्थिक कालाबाजारी का रिश्ता जुड़ा हुआ है। तभी तो भ्रष्टों का गढ़ माना जाने लगा है।

         जो लोग हिम्मत दिखाकर अपनी समस्या बता रही है उनके साथ कुछ दिन बाद अनैतिक घटना हो जाता है। बड़े क्रांतिवीर इसमें भाग लेने के लिए आगे आ जाएंगे।अपना ज्ञान झाड़ने के लिए अभी उन मनरेगा मजदूरों की समस्या दिखाई नहीं देगी।
उन क्रांतिवीरों को ये बात समझनी चाहिए की मनरेगा मजदूर अपने घर की आर्थिक पूर्ति के लिए रोजगार का काम कड़ी धूप में करते हैं इसके बाद उनको मजदूरी मिलता है। उसी से घर का खर्चा चलता है।
       ऐसे में अगर कोई उनके मजदूरी को पूरा न दे ये बड़ी शर्मनाक है।

     जब सरकार पलायन हुए मजदूरों को लॉक डाउन के समय अन्यत्र राज्यों से घर वापस ला रही थी। तब मुफ्त में भोजन राशन व्यवस्था कर दिए थे। वही सरकार उन्ही मजदूरों के मेहनताना देने के बदले उनका मेहनताना छीने तो ये मजदूरों के साथ छलावा और अन्याय ही  है।

लूटने वाले छत्तीसगढ़ के ही है साहिब कोई गैर छत्तीसगढ़िया भी नहीं, इसी को कहते हैं घर में नागदेव भिंभोरा पुजे ला जाए।
   
   अब जब अपने ही ऐसे हरकत करेंगे तो आम बात है गैर राज्य के लोग आके चढ़ाई करेंगे है।


                     👉ज्यादातर मामलों में अपने ही लोग सामिल हैं तो गैरों को बदनाम करना या उन पर धावा बोलना सही नहीं है। इसलिए तो कहते हैं छत्तीसगढ़ को बदनाम करने में छत्तीसगढ़ के लोग ही जिम्मेदार हैं। ऐसे ही वास्तविक समाचार पाने के लिए एवम हमारे साथ अपने आसपास के खबरों की नोटिफिकेशन पाने के लिए  जुड़े रहिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप "*समाचार और विज्ञापन*" में ।

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