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मजबूर बच्चों की एक ही मांग, भ्रष्ट राजनीति नहीं साहिब भ्रष्टाचार मुक्त छतीसगढ़ में शिक्षा चाहिए। अच्छी शिक्षा चाहिए...
बालोद जिले के अंतिम छोर पे बसा ग्राम साल्हे जहां नए प्राथमिक शाला भवन की मांग को लेकर लगातार विगत 10 वर्षों से आवेदन प्रेषित की जा रही है पर अब तक मांग पूर्ण नहीं हो पाई है। साला में दो हैंडपंप बंद पड़े है जो की प्राथमिक शाला में पढ़ रहे छोटे बच्चों को पीने के शुद्ध पानी के लिए शाला प्रांगण में व्यवस्था बाहर से करना पड़ता है।
शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों से रूबरू होने पर बताया गया की पानी के लिए बाहर से व्यवस्था किया जाता है। बिजली मीटर की हाल ऐसा हो गया है की कब गिर जाए इसका कोई भरोसा नहीं है। बच्चों को पढ़ाई करने के लिए मूल शाला भवन को छोड़कर अन्यत्र जगह में बैठाकर अध्ययन करवाया जाता है। दीवाल का प्लास्टर स्वत: ही गिरने लगा है। मूल शाला भवन के जर्जर हालत को देखते हुए वर्तमान में शाला का संचालन बंद कर दिया गया है।प्रधान पाठक डी.आर.रावटे ने बताया की तकरीबन 10 वर्षों से कई बार इस विषय में चर्चा कर विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी एवं क्षेत्रीय विधायक से भी इस विषय पर चर्चा कर,इसकी मांग की जा चुकी है पर अबतक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वही शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष देवनारायण गिरी ने बताया की शाला में बालक–बालिकाओन को लघु शंका के लिए भी दिक्कते होती है। इसके साथ–साथ शालेय फर्नीचर टेबल कुर्सी की कमी है। ग्रामीणों में ओमप्रकाश सिन्हा, धन्नू राम, एवम पुरषोत्तम सहारे उपसरपंच कमलेश रावते ने बताया की शाला में नया शाला भवन की कई बार समिति की बैठक में चर्चा कर कई बार आवेदन दिया जा चुका है, पर अबतक मूल शाला भवन की जर्जर स्थिति पर अबतक न कोई मरम्मत करवाया जा रहा ना मूल शाला भवन के लिए राशि प्रदान किया जा रहा है। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना था की पूर्व में भी राशि स्वीकृत हो चुकी थी लेकिन कोरोना काल के समय ही राशि वापस हो चुकी है जिस कारण अबतक मूल शाला भवन साल्हे की स्थिति ज्यों का त्यों बना हुआ है।
स्कूल की जर्जर स्थिति को देखते हुए कुछ ही दिन पहले ही मान.विधायक एवं (संसदीय सचिव) गुंदरदेही कुंवर सिंह निषाद को भी इस समस्या से आवेदन पत्र के माध्यम से अवगत कराकर मूल शाला भवन की मांग की गई है। पर अबतक कोई इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। वही इस विषय पर चर्चा करने पर श्री केजुराम सोनबोईर जी से चर्चा में जानकारी मिली की इस वर्ष शाला भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जिला पंचायत की बैठक में इस विषय पर चर्चा कर जल्द ही शाला भवन निर्माण तथा प्राथमिक शाला भवन के अन्य समस्याओं के विषय में चर्चा कर समाधान की बात कही है।
अगर ऐसे ही हालात रहा तो छत्तीसगढ़ के बच्चे कब सशक्त होंगे दूसरों के भरोसे कब तक रहेंगे साहिब, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।बच्चों की शुरुवाती दौर में ही अगर शिक्षा की व्यवस्था बिगड़ जाए तो बच्चे की मानसिकता बाद में कहां से सही रहेगा।
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