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सदी का सबसे बड़ा झूठ... 700 किसान मर गए...
प्रोपागेंडा क्या चीज़ है आज जान लीजिए !पिछले एक महीने से सारे जिहादियों कम्युनिस्टों कांग्रेसियों सेकुलरिस्टों और इस्लामिस्टों ने ये रट लगा रखी है कि 700 किसान मर गए !! हाय हाय !! 700 किसान मर गए !!
- इन दावों पर तो आश्चर्य भी आश्चर्यचकित है कि सरकार ने एक गोली नहीं चलाई... कहीं किसी को एक लाठी भी नहीं मारी वहां 700 किसान कैसे मर गए ?
-जब इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर पर टैंक चढ़वा दिए तब सरकारी आंकड़ा ये है कि करीब 500 लोग मरे लेकिन जहां एक भी गोली चली ही नहीं वहां ये दावे कर रहे हैं कि 700 किसान मर गए
-इतना ही नहीं कारगिल युद्ध में हजारों गोले चलें... गोली बंदूकें चली पूरा युद्ध हुआ... पहाड़ों पर खून बहा लेकिन उस वक्त भी सरकारी आंकड़ा ये है कि 527 भारतीय जवान शहीद हुए लेकिन यहां कुछ हुआ ही नहीं और दावा ये किया जा रहा है कि 700 किसान मार दिए गए ? अरे भैया कौन आकर मार गया ? इतना झूठ तो मत बोलो !!
-और इस झूठ को ग्लोरिफाई किया जा रहा है.. गांव गांव में व्हाट्सएप से झूठ बोले जा रहे हैं कि 700 किसान मर गए
-और सिर्फ यही नहीं कहा ये जा रहा है कि 700 किसान मरे... इनको शहीद का दर्जा दिया जा रहा है ... भाई अगर ये आंदोलन था तो मोदी सरकार के खिलाफ था जो कि 303 सीटों के साथ जनता के द्वारा चुनी गई भारत की सरकार है क्या टिकैत पाकिस्तान के खिलाफ आंदोलन कर रहा था जो किसान शहीद हो गए ?
-इसे ही कहते हैं प्रोपागेंडा.... और टिकैत का ये झूठा प्रोपागेंडा बहुत धड़ल्ले से चल रहा है... पूरे गाजे बाजे से चल रहा है... संसद में तो सरकार की तरफ से ये बोल दिया गया कि उसके पास किसी भी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन जिहादियों और कम्युनिस्टों की तरफ से ये झूठा रिकॉर्ड लगातार बजाया जा रहा है कि 700 किसान शहीद हो गए
(नोट- कई मित्रों ने 9990521782 मोबाइल नंबर दिलीप नाम से सेव किया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की... लेख के लिए मिस्ड कॉल और नंबर सेव... दोनों काम करने होंगे क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से मैसेज भेजता हूं जिन्होंने नंबर सेव नहीं किया होगा उनको लेख नहीं मिलते होंगे.. जिनको लेख मिलते हैं वो मिस्डकॉल ना करें प्रार्थना)
-अब कोई ठंड से मर गया... किसी को दिल का दौरा पड़ गया तो वो शहीद मान लिया जाएगा क्या ? जो सच्चा किसान होगा वो एक जवान की जान की कीमत जानता होगा शहादत की कीमत जानता होगा उसे ये पता होगा कि शहीद वो होता है जो दुश्मन की गोली से मरता है पाकिस्तान की गोली से मरता है ना कि वो शहीद माना जाएगा जो वामपंथियों के द्वारा बहकाया गया था और ऐसे बिल के खिलाफ लड़ रहा था जो कहीं लागू ही नहीं था और सुप्रीम कोर्ट में ही विचाराधीन था
-जिस आंदोलन को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया और ये बता दिया कि जब कानून ही लागू नहीं है तो धरना किस बात का ? उस अवैध आंदोलन में ठंड से मरने वालों के लिए मुआवजा मांगा जा रहा है और उनको शहीद का दर्जा दिए जाने की बात हो रही है ? और ठंड से भी 700 लोग कैसे मर गए ? टिकैत रो रहा था यूपी से पानी मंगवा कर पी लिया उसी ट्रैक्टर से कंबल-रजाई और स्वेटर भी मंगवा लेता इतना पैसा तो खालिस्तान से फंड हो ही रहा था.. या सारा फंड टिकैत अकेले ही दबा गया !!!!
-हद हो गई है अंधेरगर्दी की
अंधेरों से कह दो... तुम्हारी जरूरत नहीं है
अंधेरगर्दी वालों से दुनिया पटी है !!
धन्यवाद
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