स्वतंत्र समाचार स्वतंत्र विचार
बालोद देवरी वेब मीडिया
समाज में व्याप्त बुराई के जिम्मेदार स्वयं समाज के उच्च पद पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता हैं–डीकेश साहू
वर्तमान समय में क्रांतिकारियों से लेकर अधिकारियों की आपसी सहमति से ही जिला बालोद में कालाबाजारी चल रही है। इसका जिम्मेदार कोई बाहरी व्यक्ति नहीं बल्कि क्रांति सेना की छांव में बैठे कुछ क्रांतिकारी लोग भी शामिल हैं, मादक पदार्थों की हेराफेरी से लेकर बेजा कब्जा, सरकारी नौकरी में भ्रष्टाचार, और जंगली लकड़ी के साथ अलावा ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे महुवे की शराब बिक्री के जिम्मेदार स्वयं ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ उच्च वर्ग एवम राजनीति के दल्ले ही शामिल है जिनकी वजह से आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में दादागिरी मनमौजी आज भी चल रहे हैं। इसका जिम्मेदार बाहरी राज्यों से आए अधिकारी नहीं हो सकते उनके भी हाथ बंधे हुए हैं।
पूर्व में अवैध शराब तस्करी के मामले में प्रशासन को अवगत कराया गया था की देवरी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों में खेरथा बाजार, कुवागांव, जेवरतला, संजारी, इत्यादि जगहों पर अवैध शराब की बिक्री खुलेआम चलती है इस पर किसी बाहरी व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है बल्कि समाज में पदस्थ उच्च वर्ग के लोग ही इस प्रकार के अवैध धंधे करने में लगे हुए हैं।
पंचायत के कार्यों में घोटाले के मामले में पूर्व में अवगत कराया गया था, आवास योजना के अंतर्गत हुए घोटालों में ग्राम के ही उच्च वर्ग के लोग शामिल थे, लेकिन इसका भुगतना अधिकारियों को ही भोगना पड़ा था।
राजनेताओं को यह ध्यान देने की जरूरत है की हर मामले में जरूरी नहीं की सारे घोटाले में अधिकारी ही जिम्मेदार हों कुछ मामलों में समाज के लोग भी जिम्मेदार हैं।
यह समझने की जरूरत है समाज को भी और प्रशासन को भी,
पुलिस वालों से हाथापाई में जिम्मेदार कौन अधिकारी राजनेता या फिर कोई राजनीतिक संगठन।
लकड़ी की तस्करी कौन कर रहा था, क्या इस पर चिंतन करने की जरूरत नहीं है,
अकेले के खिलाफ चलानी कार्रवाई करने से या अकेले कांग्रेसी नेता को जेल भेज देने से अवैध तस्करी बंद हो जाएगा...नहीं।
बालोद जिले के देवरी में तो खुलेआम जंगली लकड़ी की तस्करी धड़ल्ले से चलता है अब पर भी करवाई करना चाहिए था।
प्रशासन के साथ साथ समाज के लोग ही जिम्मेदार है भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें