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साले देश को खोखला करने वाले सभी दीमक जाति के वंशज तो देश के अंदर ही छुपा है। मुसलमानों को आतंकवाद कहने वाले कुत्ते सब के सब यहीं छिपे हैं।बदनाम क्रिश्चन और मुसलमानों को कर रहे है की कही उनका धंधा चौपट न हो जाए।जातिवाद की लड़ाई अगर बंद हो गई तो 20% कमीशन बंद हो जाएगा।इसलिए क्या है ना .....?
जातिवाद और धार्मिक हिंसा फैलाने वाले लुटेरे तो हमारे ही आसपास के हैं। तो फिर ये दंगे और पंगे में मरने वाले बेगुनाह लोग कौन और कहां से हैं।शर्म आ गया मुझे ऐसे राजनीति और पैसे के दीवानों की कर्मों पर। थू है सालों तुम पर जो पैसे और पावर के दबाव में मीडिया में झूठे रिपोर्ट देते हो।तुम्हारे कुछ रुपए कमाने के चक्कर में देश आज फिर गुलाम होने के सीमा पर पहुंच चुका है, भारत और चीन के बीच कब युद्ध छिड़ जाए इसकी कोई गारंटी नहीं,तृतीय चतुर्थ युद्ध कब हो जायेगा, इस पर कोई चर्चा नहीं करेंगे।इनको खाली 20% कमीशन चाहिए।एक बार सोच लेते हरामखोरो......साले गद्दारों।देश के जवान आय दिन डिप्रेस हो रहे हैं,और साले हरामखोरो तुम्हे अपनी 20% की पड़ी हुई है।अरे हराम के पिल्लों जब देश के सीमा पर दिन रात चौकीदारी चल रही है तो फिर गोला बारूद बम विस्फोटक बंदूक रायफल कहा से पहुंच जा रहा है...?आसमान से टपक जा रहा है क्या...? या कोई जमीन में रायफल की खेती हो रहा है...अन्य फल सेवफल और बैगन की तरह।ये जो पुलिस का डर लोगों के मन में है ना उसे मिटाना होगा, तभी कुछ हो सकता है।नही तो ऐसे ही चलता रहेगा। 20% कमीशन में। परिवर्तन जरूरी है।
अच्छा सेटिंग हे यार पत्रकार और प्रशासन का पुलिस और पहचान का।
देश को खोखला कर दो।और झेलना किसी निम्न वर्ग को ही है।ये वही गोदी मीडिया है जो पैसों के लिए अपनी मां बहन तक को उपयोग में ले लेंगे लेकिन,सच्चाई को सामने लाने के लिए उन्हें नाजायज बाप से चर्चे करने पड़ेंगे।तब एकात सच कहीं पोंकेंगे। तब सब के सब गोदी मीडिया अपनी अपनी इज्जत बचाने के लिए कुत्ते की तरह अपना धौंस दिखाएंगे। तब तक कुछ नहीं निकलेगा इनकी जुबान से जबतक किसी का घर न तबाह हो जाए। किसी असहाय का पूरे जीवन व्यर्थ न हो जाए। क्योंकि ये तलवे चाटने वाले मीडिया हैं। हा भाई ज्ञान जरूर दे देंगे फ्री में की अरे भाई साहब सबको 20–20% देना पड़ता है कमीशन सबको बराबर जाता है। इसमें कोई शक नहीं।ऐसे ही चलता है देश दुनिया अरे हराम के पिल्लों 20 20% से बाहर कब आओगे, कभी बदलने की सोचों सालों, अपने जेबें भरने में ही लगे रहो।नहीं तो अपने ही बाप को पहचानने में भी 20% देना पड़ेगा तुम्हें।साले मीठे लोग हैं।बातें ऐसे करेंगे जैसे उनके घर शहद की खेती होती हो।
कमीशन कौन देता है और क्यों देते हो.....मुझे पता चल जाए तो उनका सर और धड़ अलग नहीं कर दिया तो हमारा जीना ही व्यर्थ है।
तुम गरीबों को लेकर रोटियां सेंकते रहना,
हम अमीरों के पिछवाड़े से गर्मियां निकाल देंगे।
तुम चाहे पॉलिटिक्स संवैधानिक तरीके से करना।
हम तुम्हारी कुर्सी में मिर्च फ्री में मला करेंगे।
तुम चाहे करोड़ों कमा लेना लूटकर जनता को।
हम तुम्हारी हेकड़ी यूंही निकाल देंगे।
तुम चाहे लाख खर्चे करके नेता बन जाना,
हम जिम्मेदारों को उनका हक यूं हीं अदा करेंगे।
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