शौचालय निर्माण के लिए हितग्राही ने किए मांग,
निराकरण आवेदन में लिख दी पहले से लाभान्वित
स्वतंत्र समाचार स्वतंत्र विचार
*दैनिक हिंदी वेब मीडिया (छ.ग.)*
दिनांक 21/05/2025
खैरागढ़/पेंड्रीकला पेंड्रीकला निवासी हितग्राही छगन लाल साहू ने सुशासन तिहार 2025 में अपने घर में शौचालय नहीं होने के कारण सुशासन तिहार में आवेदन पेश किया था, जिसमें शौचालय निर्माण हेतु मांग किया गया था। लेकिन हितग्राही के द्वारा पेश किए गए आवेदन के निराकरण में प्रसासन ने हितग्राही को पहले से लाभान्वित बता दिया गया,जबकि हितग्राही को शौचालय निर्माण हेतु किसी प्रकार का न राशि आबंटित किया गया है और न ही किसी प्रकार का मटेरियल की पूर्ति करी गई है।ऐसे में देखा जाए तो प्रशासन के तिहार को अधूरी सफलता हाथ लगी है। सुशासन तिहार में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया एवं शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी तत्काल हितग्राहियों को लाभान्वित भी किया गया। वहीं कुछ आवेदन ऐसे भी मिले जिनमें लाभ प्रदान भी नहीं किया गया फिर भी अधिकारी कर्मचारियों ने लापरवाही पूर्वक निराकरण आवेदन में उल्लेखित करते हुए लिख दिया कि,पूर्व में लाभान्वित किया जा चुका है।वही ज्यादातर आवेदन आवास योजना से लाभ लेने हेतु आवेदित हैं। ग्राम पंचायत पेंड्रीकला के हितग्राही छगन लाल साहू के द्वारा प्रेषित किया गया था जिसके निराकरण में प्रसासनिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। निराकरण आवेदन में अधिकारियों ने हितग्राही को पहले से लाभान्वित बताया है जो कि भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करने में काफी था।
अबतक न हितग्राही को किसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने हेतु किसी प्रकार का लाभ पूर्व में मिला ही नहीं है। अगर मिला होता तो उपयोग करते रहता,नकी सरकारी शौचालय में जाना पड़ता। जोकि कहीं पे बनाया है ही नहीं है।
अतएव उक्त मामले में हितग्राहीयों ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए प्रशासन से शिविर के बाद भी उम्मीद जताई है कि, शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन में उनके नाम पर पूर्व में हुए गड़बड़ी की जांच करके, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की साथ ही हितग्राहियों को लाभ प्रदान करने हेतु, मीडिया के माध्यम से प्रशासन को गुहार लगाई है।
वहीं ग्रामीणों की माने तो पूरे पेंड्रीकला गांव में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन का लाभ लिया होगा। तथाकथित रूप से ग्रामीणों ने तात्कालिक पंचायत कर्मियों एवं जिम्मेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, हितग्राहियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं का खुलेआम बंदरबांट किया गया है। जिसकी शिकायत पूर्व में भी किया गया था बावजूद इसके घोटालेबाज ज्यों का त्यों पदस्थ थे।और आज भी भ्रष्टाचारी के कार्यों में संलिप्त हैं।
घोटालेबाजों को संरक्षण देने में बड़े राजनीतिक पहचान स्पष्ट रूप से सामने आए है जिनकी बदौलत आज भी घोटालेबाज बेखौफ होकर घोटाले करते हैं।
शिविर के आवेदनों में हुए गड़बड़ी की जांच चल ही रही है।पर बड़ा सवाल यह हो जाता है कि क्या सरकार मामले की जांच करवाने के बाद गड़बड़ी स्पष्ट होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नहीं...?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें