भ्रष्ट लोगों की भ्रष्ट पहचान
एक सर्वे में पता चला है,की कालाबाजारी में सबसे बड़ा रोल हमारे आसपास में छुपे गद्दारों की वजह से है, ये छोटे मोटे बिजनेस को अपना बड़ा इनकम का साधन बना लेते हैं। इनका काम लोगों को गुमराह करना है और कुछ नहीं। इसी के जरिए लोगों से पैसे ऐठकर अपना गुजारा चलाना है।
कालाबाजारी को अपना बड़ा व्यापार समझ कर भोले भाले लोगों को अपना शिकार बना कर, अपना दाल रोटी का खर्चा चलाते हैं।
ये सब नवयुवकों के साथ होता रहे तो देश प्रेमी ही बताएं क्या ये देश की राजनीति में सही है।
लोग नासमझ नहीं है, बस थोड़ा सा उलझ जाते हैं तो रॉय लेने के लिए ग्रुप में डिस्कस करते हैं।
अब किसी के समस्या को उनका कमजोरी ना समझो साहिब। और सबसे पहले लोगों को बात करने का तमीज सिख लेना चाहिए।बड़ा बनने के लिए बड़ा होना जरूरी है।
ये न भूलो की कमजोरी हर किसी के पास होती है। अब ऐसा नहीं की सिर्फ तुम्ही ग्रुप के बड़े लीडर हो।
तो तू, ता, अरे, बे, ये सब चला लोगे हैं कोई दोस्त हूं जो ये सब सुनूं...
तमीज ही नहीं बात करने की तो उपर कैसे उठोगे।
पहले तमीज सिख लो बात करने की...
ऐसा तो नहीं की केवल सामने वाला ही नासमझ है।
कमजोरी सबकी होती है।घटिया लोगों के अंदर घटिया ही पहचान होती है।
काम धाम नहीं वाली बात तो तुम मेरे से करना ही मत काम पहले अपना ठीक से करो फिर दूसरी तरफ ध्यान दो।
निकाल देना ग्रुप से लेकिन बात करने का तमीज सिख लो लाइफ में काम आयेंगे...
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