स्वतंत्र समाचार स्वतंत्र विचार/बालोद
अब दिमाग लगाकर सोचिए :
🛑अगर कोरोना संक्रमित बीमारी है ::
तो परिंदे और जानवर को अभी तक कैसे नही हुआ .❓
🛑 यह कैसी बीमारी है जिसमें सरकारी लोग
और हीरो
🛑अगर कोरोना संक्रमित बीमारी है ::
तो परिंदे और जानवर को अभी तक कैसे नही हुआ .❓
🛑 यह कैसी बीमारी है जिसमें सरकारी लोग
और हीरो

ठीक हो जाते हैं और आम जनता मर जाती है ..❓
🛑 कोई भी घर में या रोड़ पर तड़प कर नही मरता
हॉस्पिटल में ही क्यों मौत आती है..❓
🛑 यह कैसी बीमारी है
कोई आज पॉजिटिव है
तो कल बिना इलाज कराए नेगेटिव हो जाता है..❓
🛑 कोरोना संक्रमित बीमारी है
जो जलसे में / रैली में/ और लाखों के प्रोटेस्ट में नही जाता,
लेकिन गरीब नॉर्मल खांसी चेक कराने जाए
तो 5 दिन बाद लाश बनकर आता है..❓
🛑 गजब का कोरोना वायरस है
जिस की कोई दवा नही बनी
फिर भी लोग 99% ठीक हो रहे है❓
🛑 यह कौन सी जादुई बीमारी है
जिसके आने से सब बीमारी खत्म हो गई
अब जो भी मर रहा है कोरोना से ही मर रहा है.???
जरा सोचिये
साबुन और सैनिटाइजर से कोरोना मर जाता है तो इसको मारने की दवाई क्यों नही बनाई
🛑 यह कैसा कोरोना है
हॉस्पिटल में गरीब आदमी के जिस्म का महंगा पार्ट निकालकर
लाश को ताबूत में छुपा कर
खोल कर नही देखने का हुक्म देकर
बॉडी दी जाती है..❓
#है_कोई_जवाब ::????
अगर है जरूर देना
अगर नही है तो सोचना
कोरोना की आड़ में क्या चल रहा है
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
2)
कुछ हास्पिटल से न्यूज आ रही हैं कि सुबह मरीज को भर्ती किया जाता है और शाम को न्यूज मिलती है कि मरीज की कोरोना से मौत हो गई...
( क्या सुबह से शाम तक कोरोना की रिपोर्ट भी आ गयी और शाम को कोरोना से डेथ भी हो गयी, और लाश का अंतिम संस्कार भी हो गया)
इनके हिसाब से तो कोरोना की कोई स्टेज ही नही होती, जो पहले पाजिटिव से नेगेटिव हुए, वो कैसे ठीक हुए, 15-20 दिन में तो कनिका कपूर भी ठीक हो कर घर चली गयी, आखिर ऐसा कौनसा इलाज था जो कनिका की 5 रिपोर्ट पोजिटिव आई और 6 रिपोर्ट मे नेगेटिव आई..
और गरीबों की सुबह रिपोर्ट पोजिटिव आती है और शाम को उसकी डेथ हो जाती है..
क्या गरीब और मध्यम वर्ग की सिर्फ एक ही रिपोर्ट आती है Positive या negative या डेथ?
हैरानी की बात है की कोई खांसी, जुकाम, बुखार और कोई लक्षण नही फिर भी रिपोर्ट पॉजिटिव
कहीं कोई किडनी स्कैम तो नही हो रहा है...?.
किडनी ही क्यों आँख, लीवर, ब्लड, प्लाजमा और भी बहुत पार्ट हैं
क्या कोई बहुत बड़ा झोल हो रहा है
अंतराष्ट्रीय बाजार में व्यक्ति के पार्टस की कीमत करोड़ो रूपये हैं,
क्या कोरोना की आड़ में कोई षड्यंत्र चल रहा है
क्योंकि मृत देह को घरवालों को देते नही
ना ही कोरोना के नाम से घर वाले बॉडी लेते हैं
और बंद लिफाफे में क्या हुआ है बॉडी के साथ किसे पता।
सबको मिलकर ऐसा कदम उठाना होगा जिससे कम से कम S.C. की निगरानी में जांच हो, ताकि हकीकत सामने आए...
साभार अज्ञात
इस मैसेज को अपने तक मत रखिए आगे भी फॉरवर्ड करते रहिए 🙏🏽
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